जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर के एसएमएस अस्पताल से अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी मामले की जांच कर रहे राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच में सामने आया कि बांग्लादेश और नेपाल के साथ ही कंबोडिया व क्यूबा के गरीब लोगों को पैसों का लालच देकर अंगदान करवाया जाता था। इन देशों के लोग अंग प्रत्यारोपण करवाने के लिए भी जयपुर आते थे।

दलालों के संपर्क में थे चिकित्सक

एसीबी ने इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार किए गए एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह ,फोर्टिस अस्पताल के समन्वयक विनोद सिंह व गिरिराज और ईएचसीसी अस्पताल के समन्वयक अनिल जोशी से हुई पूछताछ में सामने आया कि दोनों निजी अस्पतालों के अंग प्रत्यारोपण करने वाले चिकित्सक भी इन देशों से अंगदान करने के लिए लोगों को तैयार कर के लाने वाले दलालों के संपर्क में थे। साथ ही जिन लोगों के अंग प्रत्यारोपण किया जाना है उन लोगों से भी पहले चिकित्सक दलालों के माध्यम से बात करते थे।

इन लोगों से हुई पूछताछ

सूत्रों के अनुसार एसीबी ने अब तक फोर्टिस अस्पताल के डॉ.जितेंद्र गोस्वामी,डॉ.राजेश गरसा,डॉ.ज्योति बंसल और डॉ.संदीप गुप्ता एवं ईएचसीसी अस्पताल के डॉ.रवि गुप्ता एवं डॉ.ए.के.गुप्ता से पूछताछ की गई है। इनसे हुई पूछताछ में भी कई अहम खुलासे हुए हैं। एसीबी ने इन सभी के मोबाइल फोन जब्त कर जांच के लिए फोरेंसिक लैब में भेजे हैं। जयपुर पुलिस भी इस मामले की अपने स्तर पर जांच कर रही है।