कोटा के बपावर क्षेत्र में एक सड़क दुर्घटना में दिगंबर जैन संत अरहंत सागर महाराज की मौत हो गई। वे चांदखेड़ी से दतिया के लिए रवाना हुए थे और झालावाड़ बारां मेगा हाईवे पर उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें उनकी मौत हो गई। उनके साथ उनके ड्राइवर भूरालाल और एक बुजुर्ग महिला भी जख्मी हुए हैं, जिन्हें स्पेल से प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

बपावर थाने के एएसआई पुरुषोत्तम मीणा ने बताया कि बारां झालावाड़ मेगा हाईवे पर दोपहर करीब 3:30 पर जोरदार धमाके की आवाज हुई। आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़कर पहुंचे। घटनास्थल पर एक कार खेत में पलटी हुई थी। प्राथमिक जांच में पता चला कि कार का टायर फटने से हादसा हुआ है। कार में सवार दिगंबर जैन संत अरहंत सागर महाराज 68 वर्षीय की मौके पर ही मौत हो गई। कार में ड्राइवर भूरालाल 27 व 60 वर्षीय उषा जैन घायल हो गईं। घायलों को नजदीक बपावर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया।

एएसआई पुरुषोत्तम मीणा के अनुसार मृत संत अरहंत सागर जी मूल रूप से इंदौर के निवासी हैं। उनका सांसारिक नाम रमेश चंद जैन था। बाद में इन्होंने गृहस्थ जीवन त्याग कर संत जीवन अपना कर दीक्षा ले ली। मध्यप्रदेश के दतिया जिले में स्थित सोनगीर जैन मंदिर में ही निवास करने लगे। मंदिर के ही संत सुमित सागर महाराज के शिष्य बन गए। सुमित सागर महाराज ने संत जीवन का नया नाम अरहंत सागर महाराज नामकरण किया।

घटना की जानकारी जैसे ही क्षेत्र में फैली लोगों का हुजूम बपावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दौड़ पड़े। जैन तीर्थ चांदखेड़ी जैन मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोग भी बपावर पहुंचे। जैन संत अरहंत सागर के गुरु सुमित सागर जी महाराज ने बिना पोस्टमार्टम के ही शव लेने के निर्देश दिए। पुलिस प्रशासन को लिखित में देने के बाद शव को बिना पोस्टमार्टम के दे दिया गया। उसके बाद शव को लेकर दतिया जिले के सोनगिर के लिए रवाना हो गए।