चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है. इसे वासंतिक नवरात्रि भी कहते है. नवरात्रि के नौ दिनों में आदिशक्ति देवी दुर्गा की पूजा और आराधना का विशेष महत्व है. इससे शक्ति का संचार होता है और जीवन के कष्ट क्लेश भी दूर होते हैं.

नवरात्रि के नौ दिनों में कई ऐसे काम हैं, जिसे भूलकर भी नहीं करना चाहिए. शास्त्रों में इसकी मनाही भी है. धार्मिक मान्यता है कि इन कामों को करने से देवी रुष्ट हो जाती है. आइये जानते हैं काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय से इसके बारे में.

मातृ का करना चाहिए सम्मान
मातृ शक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए. मां, बहन, पत्नी या किसी भी स्त्री पर अभद्र, अशोभनीय टिप्पणी और विवाद से बचना चाहिए. इसके अलावा उनका सम्मान करना चाहिए.

छोटी कन्याओं की करें पूजा
नवरात्रि के नौ दिन छोटी कन्याएं, जिनकी उम्र 1 से 12 वर्ष है. उन्हें पूरे श्रद्धा भाव के साथ प्रणाम करना चाहिए और उनके पैर छूने चाहिए.

बिस्तर पर सोने से करें परहेज
इसके अलावा नवरात्रि के नौ दिनों में बिस्तर का त्याग कर जमीन पर सोना चाहिए. इससे भी देवी का आशीर्वाद भक्तों पर बना रहता है.

शुद्ध सात्विक भोजन करें
इसके अलावा नवरात्रि के नौ दिनों में शुद्ध और सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए. इस समय लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

नाखून बाल न काटें
इसके अलावा जो व्यक्ति नौ दिन व्रत रखता है, उन्हें नवरात्रि में बाल, नाखून, दाड़ी नहीं काटनी चाहिए. इससे देवी रुष्ट हो जाती है.