राजस्थान के बीकानेर जिले में मंगलवार रात 11:36 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर  भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई। जानकारी के अनुसार, आसपास के इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र बीकानेर से 685 किमी पश्चिम में और 10 किमी की गहराई में था। फिलहाल भूकंप से जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।

बता दें, मंगलवार सुबह हरियाणा के झज्जर जिले में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 2.5 थी और 12 किलोमीटर की गहराई में था। पिछले महीने 28 मई को दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।  इसका केंद्र अफगानिस्तान बताया गया था और रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.2 मापी गई थी।

धरती के अंदर मौजूद प्लेटों के टकराने के कारण भूकंप आते हैं। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है।

रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है। लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं।