नई दिल्ली । राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि बालासोर में ट्रेन दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान में तैनात बल का एक कर्मी जब भी पानी देखता है, तब उस वह खून की तरह लगता है, जबकि एक अन्य बचावकर्मी को भूख लगना बंद हो गई है। 
बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने के बाद बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ के नौ दलों को तैनात किया गया था। भारत के सबसे भीषण रेल हादसों में से एक दुर्घटना में कम से कम 278 लोगों की मौत हो गई तथा 900 से अधिक लोग घायल हो गए। 
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एनडीआरएफ बल ने 44 पीड़ितों को बचाया और घटनास्थल से 121 शव बरामद किए। करवाल ने कहा, मैं बालासोर ट्रेन हादसे के बाद बचाव अभियान में शामिल अपने कर्मियों से मिला… एक कर्मी ने मुझे बताया कि वह जब भी पानी देखता है तब उस वह खून की तरह लगता है। एक अन्य बचावकर्मी ने बताया कि इस बचाव अभियान के बाद भूख लगना बंद हो गई है।