इस वर्ष विवाह पंचमी 6 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी. यह दिन भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की शुभ तिथि मानी जाती है. कहा जाता है कि इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करने से न केवल विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि वैवाहिक जीवन भी मधुर और सुखमय बनता है.

उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि विवाह पंचमी के दिन विवाहित जोड़े पूजा करके अपने दांपत्य जीवन में प्रेम और मधुरता बढ़ाने का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. इस वर्ष विवाह पंचमी 6 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी. इस पावन अवसर पर माता सीता को सुहाग की सामग्री जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर आदि चढ़ाएं और किसी ब्राह्मण महिला को यह सामग्री दान करें. ऐसा करने से विवाह में आ रही अड़चनें दूर हो सकती हैं और विवाह योग्य युवक-युवतियों के लिए अच्छे रिश्तों के प्रस्ताव आने लगते हैं. वहीं इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा के साथ “श्रीराम रक्षा स्तोत्र” का पाठ करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इससे संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है और दांपत्य जीवन सुखद बनता है.

सुखी वैवाहिक जीवन के लिए उपाय
अगर आपके विवाह में देरी हो रही है या रिश्ते बार-बार टूट रहे हैं, तो विवाह पंचमी के दिन कुछ सरल उपाय करके इन समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है. इस दिन माता सीता को सुहाग सामग्री अर्पित करें, जैसे लाल चूड़ी, सिंदूर, महावर, बिंदी आदि. इसके बाद ब्राह्मण स्त्री को ये सामग्री दान करें. यह माना जाता है कि ऐसा करने से शादी के प्रस्ताव आने लगते हैं और विवाह की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. विवाह पंचमी के दिन श्रीराम और माता सीता का विधिपूर्वक पूजन करें. पूजन के दौरान “श्रीराम रक्षा स्तोत्र” का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है. यह पाठ करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और संतान प्राप्ति की इच्छा भी पूर्ण होती है. इस दिन व्रत रखने का भी विशेष महत्व है. यदि संभव हो, तो किसी गरीब या जरूरतमंद कन्या के विवाह में आर्थिक मदद का संकल्प लें

लव मैरेज के लिए उपाय
यदि आप प्रेम विवाह करना चाहते हैं, लेकिन किसी कारणवश रुकावट आ रही है, तो विवाह पंचमी के दिन रामचरितमानस में वर्णित राम-सीता विवाह प्रसंग का पाठ करें. इससे आपके रिश्ते में मजबूती आएगी और विवाह की बाधाएं समाप्त होंगी.

छोटे-छोटे उपाय बड़े लाभकारी
विवाह पंचमी पर किए गए ये छोटे-छोटे उपाय बड़े लाभकारी हो सकते हैं. इस दिन राम-सीता के आदर्श जीवन से प्रेरणा लेकर, पूजा और व्रत के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान करें। यह दिन न केवल व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है, बल्कि परिवार में सुख-समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करता है.